29 Dec 2023

विद्यार्थियों पर हावी ‘प्रतियोगी परिवेश की समस्याएँ और समाधान’

 आज प्रतियोगी परिवेश विद्यार्थियों के ऊपर जिस प्रकार हावी हो गया है उससे हम सभी परिचित है । सभी विद्यार्थी अपनी अच्छी रेंक लाने के लिए दिन-रात जी तोड़ मेहनत में लगे रहते हैं । लेकिन जब उन्हें मन मुताबिक़ सफलता नहीं मिलती तो उनका मन खिन्न हो जाता है और उन्हें बरबस ही मनोरोगों (साइकोलोजिकल डिसीज़) की ओर धकेल देता है ।

ज्यादातर विद्यार्थी अधिक परिश्रम व थकावट के कारण तनाव और चिंता के शिकार हो जाते हैं, जो पढ़ाई और परीक्षाओं पर असर डालता है। इससे बचने के लिए आवश्यक है स्वस्थ जीवन शैली अपनायें व स्वस्थ मनोरंजन के लिए भी समय निकालें । इसके अलावा अध्ययन का निश्चित समय प्रबंधन भी हमारी पढाई संबंधी चिंता को दूर कर सकता है।

कई बार विद्यार्थियों का पढ़ने में मन नहीं लगता बार-बार मन यहाँ-वहाँ जाता है। जिससे पढ़ाई में एकाग्रता नहीं आती । इसके लिए हमें पर्याप्त मात्रा में हल्का भोजन तथा अच्छे पर्यावरण में बैठकर बिना किसी चिंता के पढ़ना चाहिए । हमें अपने मन को मारना या दबाना नहीं है बल्कि इसे समझाना है साथ ही मन को एकाग्र करने के लिए हो सके तो थोड़े समय उस विषय को बोल-बोलकर पढ़ना चाहिए । इस प्रकार अपनी ही आवाज़ सुनकर अपना मन कहीं और जाने की जगह अपनी ही ओर लौटने लगता है ।

 ईश्वर का सबसे महत्वपूर्ण प्रसाद है आत्मविश्वास। भगवान के इस प्रसाद को आप जितना स्वीकार करते हैं ये उतनी ही मात्रा में बड़ने लगता है । आत्मविश्वास बड़ाने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी छोटी-छोटी उपलब्धियों का बार-बार चिंतन करें और आगे भी अच्छा करते रहने के लिए स्वयं को बार-बार बोले । जब आपके द्वारा आपकी सफलता के लिए बोले गये शब्द आपके कान में जाते हैं तो आपका आत्मविश्वास पुष्ट होता है और एक नई ऊर्जा का अनुभव होता है ऊर्जा आपको आगे बड़ाने में सहायक होती है ।

इस प्रकार छोटी-छोटी युक्तियाँ अपनाकर मन को स्वस्थ रखा जा सकता है । यहाँ हमने उन सामान्य समस्याओं  पर चिंतन किया है जो सामान्यत: हर विद्यार्थी के जीवन में कम या ज्यादा मात्रा में देखने को मिलती हैं, फिर भी यदि आपके जीवन में समस्याएं बड़ रही हैं, तो तुरंत अपने माता-पिता, शिक्षकों, मार्गदर्शकों या मनोवैज्ञानिक सलाहकारों से मदद लें क्योंकि आपका जीवन अमूल्य है और उससे बड़कर कुछ भी नहीं है ।

No comments:

Post a Comment

युवा नरेन्द्र से स्वामी विवेकानंद तक....

  जाज्वल्य मान व्यक्तित्व के धनी स्वामी विवेकानंद ‘ विवेकानंद ’ बनने से पहले नरेन्द्र नाम के एक साधारण से बालक थे। इनका जन्म कोलकता में एक स...