2 Sept 2025

मनपसंद


ज़्यादा नहीं तो थोड़ा ही सही कुछ समय ऐसा ज़रूर निकालें जिसमें आप अपना मनपसंद कार्य करें। कई लोगों का ये अनुभव है कि जब भी कोई काम हम अपने मन के अनुरूप करतेहैं तो उस काम का परिणाम हमारी आकांक्षाओं से भी श्रेष्ठ निकाल कर सामने आता है जिससे हमारा आत्मविश्वास अपने चरम पर पहुँच जाता है और अपार आनंद की अनुभूति होती है सो अलग ।

वहीं जब हमें अपने मन के अनुरूप कार्य न मिले और मजबूरी में या दबाव में कोई कार्य करना  पड़े तो उस कार्य से शारीरिक कष्ट और मन में खिन्नता ही उत्पन्न होती है ।

मन से किया गया कठिन से कठिन से कठिन कार्य भी आत्मविश्वास और संतुष्टि प्रदान करता है जबकि ज़बरदस्ती या बेमन से किया गया सरल ,सहज कार्य भी केवल खीज और दुख उत्पन्न करता है। अतः अपनी रुचि और योग्यता को पहचान करउसके अनुरूप कार्य करें तो फिर वह कार्य, कार्य नहीं रहेगा बल्कि सुख देने वाला एक आनंददायक मनोरंजन बन जाएगा।

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