मुस्कुराहट मनुष्य का सर्वोत्कृष्ट अलंकार है जो उसकी छवि को
अधिक प्रभावशाली और सौमनस्यता से अलंकृत करता है हँसता मुस्कराता व्यक्ति उस पुष्प
की तरह है जिसे देखकर हम उसकी आत्मिक
संतुष्टि और आनंद की महक का अनुभव कर सकते हैं । जहाँ प्रसन्नचित्त मनुष्य को देखकर
हमारा मन प्रफुल्लित हो जाता है वहीं किसी हताश,निराश व्यक्ति को देखकर
हम भी वैसे ही भाव अनुभव करने लगते हैं ।
यदि हम विचार करें तो पाएंगे हमारा सुंदर स्वस्थ शरीर, हमारे
माता-पिता,
इष्ट-मित्र, बंधु-बांधव ये
सब हमारे पास हैं हमारा शरीर स्वस्थ है हम दोनों समय भरपेट भोजन कर रहे हैं ये सभी
हमारे प्रसन्न रहने के पर्याप्त कारण हैं । अपनी छोटी-छोटी समस्याओं को भूलकर यदि
हम इन पर चिंतन करें तो हम सदैव प्रसन्न रह सकते हैं, और यदि इन्हें
हम भूल जाएँ तो हमारे आसपास फैली हुई नकारात्मकता और समस्याएँ हमें धर दबोचेंगी।
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