विद्यार्थी जीवन मनुष्य के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता
है । इस समय में बने संस्कार, सीखी हुई कलाएँ हमारा भविष्य निर्धारित करती हैं । इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि मनुष्य
अपने विद्यार्थी जीवन से ही देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे । इससे वह अपने जीवन को इस प्रकार ढाल सकेगा कि
राष्ट्र के प्रति उसके जो कर्तव्य है वो उन्हें पूरा करने के लिए सक्षम बने ।
एक विद्यार्थी के रूप में मनुष्य का देश के प्रति पहला
कर्तव्य यह होता है कि वह अपनी शिक्षा उचित रूप से पूर्ण करे । शिक्षा मनुष्य की योग्यता बढ़ाती है । उसे सामर्थ्यवान बनाती है, उसके विवेक का विकास
करती है । कर्तव्यों का
ज्ञान दिलाती है । एक उचित
शिक्षा पाया हुआ व्यक्ति अपने परिवार, समाज तथा देश की
सही तरीके से सेवा कर सकता है । इसलिए शिक्षा प्राप्त करना किसी भी विद्यार्थी का पहला कर्तव्य है ।उचित शिक्षा के अलावा विद्यार्थी का दूसरा कर्तव्य है कि वह अपने
स्वास्थ्य पर सही ध्यान दे । कहा जाता है स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है । एक शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही देश की
सही तरीके से सेवा कर सकता है ।
शिक्षा तथा स्वास्थ्य के बाद देश के प्रति विद्यार्थी का जो
दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है देश के शक्ति-बोध तथा सौंदर्य-बोध को बढ़ाना । विद्यार्थी जहाँ भी जाए, उन्हें हमारे देश के
गौरवशाली अतीत का पूरा स्मरण होना चाहिए । एक विद्यार्थी को किसी भी परिस्थिति में अपने देश की बुराई नहीं करनी
चाहिए , देश की कमियाँ नहीं निकालनी चाहिए । उसे हमेशा देश के सामर्थ्य, देश की असीम क्षमता का गुणगान करना चाहिए । विद्यार्थी कहाँ भी जाए, देश के लिए सकारात्मक माहौल
का निर्माण करे । इससे देश
का शक्ति-बोध बढ़ता है । इसके
अलावा विद्यार्थी को देश का सौन्दर्य-बोध बड़ाने में भी योगदान देना चाहिए । उसे कहीं भी गंदगी नहीं फैलानी चाहिए व
दूसरों को भी गंदगी फैलाने से रोकना चाहिए । अपने व्यवहार से वो देश में स्वच्छता के प्रति जागरूकता ला सकता है । एक विद्यार्थी को अपने व्यवहार में सज्जनता
रखनी चाहिए । उसे यहाँ कि
बातें वहाँ नहीं करनी चाहिए । खुद में किया हुआ यह परिवर्तन देश के सौन्दर्य-बोध को दृढ़ करता है ।
इस तरह खुद के व्यवहार में परिवर्तन कर विद्यार्थी देश में
कई सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं । विद्यार्थियों को अपने सामाजिक परिवेश तथा देश के सामने जो महत्वपूर्ण
चुनौतियां हैं , उनके बारे में भी जानकारी रखनी
चाहिए । विद्यार्थी देश में
साक्षरता के प्रसार, अंधविश्वास के निर्मूलन में
महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं । उन्हें अपने दिनचर्या का एक निश्चित समय देश व समाज की सेवा के लिए
निर्धारित करना चाहिए । वो
अपना लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं कि किसी विशिष्ट सामाजिक समस्या को दूर करने के
लिए वह नियमित प्रयास करेंगे । उनका प्रयास भले छोटा हो पर एक लम्बे समय में वह अवश्य देश व समाज को लाभान्वित
करेगा । इस प्रकार उचित
शिक्षा प्राप्त करना, स्वयं को स्वस्थ रखना, सामाजिक बुराइयों को दूर करना , देश में
सकारात्मक माहौल निर्माण करना व देश के सौन्दर्य-बोध को बढ़ाना विद्यार्थी का मुख्य
कर्तव्य है ।
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