लेखक के रूप में……. ईश्वर की कृपा से जिंदगी थोड़ा ठहरी और समय मिला भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने का, तो अपने आस-पास घटने वाली पारिवारिक, सामाजिक समस्याओं से मन कसमसाया और विचार शब्दों के रूप में कागज पर ढुलक गए। मैंने भारतीय नारी, युवा उत्कर्ष, समाज, विद्यार्थी जीवन की गौरव गरिमा एवं समसामयिक कई विषयों पर कलमकारी की है। समाज के कई मूर्धन्य लेखकों और कवियों ने सराहा तो निरंतर कलम चलाता रहा । मैं आज भी पूरी ईमानदारी,जिम्मेदारी और सूझबूझ के साथ सारगर्भित लिखने का प्रयत्न कर रहा हूँ ।
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युवा नरेन्द्र से स्वामी विवेकानंद तक....
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इस भयंकर काल खंड में जिसमें की अकाल ही लोग काल - कवलित हो रहे हैं ऐसे में आवश्यकता है कि हम लोग अपने जीवन की रक्षा घर पर रहकर ही करें एवं ...
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